क्रिया के आधार पर वाक्य मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
- सकर्मक वाक्य
- अकर्मक वाक्य
- प्रेरणार्थक वाक्य
1. सकर्मक वाक्य
जिस वाक्य में क्रिया का फल किसी कर्म (वस्तु/व्यक्ति) पर सीधे पड़ता है, उसे सकर्मक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों में कर्म (Object) का होना अनिवार्य है।
- पहचान:
वाक्य में “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर मिलता है। - उदाहरण:
- मैंने किताब पढ़ी। (किताब = कर्म)
- उसने घर बनाया।
2. अकर्मक वाक्य
जिस वाक्य में क्रिया का फल किसी कर्म पर नहीं पड़ता, उसे अकर्मक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों में कर्म नहीं होता, केवल कर्ता और क्रिया होती है।
- पहचान:
वाक्य में “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर नहीं मिलता। - उदाहरण:
- बच्चा सो रहा है।
- वह हँस रहा है।
3. प्रेरणार्थक वाक्य
जिस वाक्य में कर्ता किसी अन्य व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, उसे प्रेरणार्थक वाक्य कहते हैं।
- पहचान:
वाक्य में कार्य को करने के लिए किसी दूसरे को आदेश, अनुरोध, या प्रेरणा दी जाती है। - उदाहरण:
- उसने राम को काम करने के लिए कहा।
- अध्यापक ने छात्रों को पढ़ाई करने को कहा।
सारणी
प्रकार | पहचान प्रश्न | उदाहरण |
---|---|---|
सकर्मक वाक्य | क्या? किसे? | उसने कविता लिखी। |
अकर्मक वाक्य | – | पंछी उड़ रहे हैं। |
प्रेरणार्थक वाक्य | प्रेरणा या आदेश | माँ ने बच्चों को सोने को कहा। |
नोट: यह वर्गीकरण वाक्य में क्रिया की प्रकृति के आधार पर किया जाता है।