उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्ग और प्रत्यय हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण भाग हैं। इनका उपयोग शब्दों के अर्थ में परिवर्तन और नए शब्द बनाने के लिए होता है।
उपसर्ग (Prefix)
उपसर्ग वे शब्दांश (अर्थवान खंड) हैं, जो किसी मूल शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।
विशेषताएँ:
- उपसर्ग शब्द के पहले लगते हैं।
- यह स्वतंत्र शब्द नहीं होता, केवल अन्य शब्दों के साथ प्रयोग होता है।
- इनके जुड़ने से शब्द का अर्थ बदल जाता है।
उपसर्ग के 10 उदाहरण:
- अ- (नकारात्मक अर्थ) – अज्ञान, असत्य
- प्रति- (विपरीत) – प्रतिकार, प्रतिदिन
- सु- (शुभ या अच्छा) – सुसंस्कृत, सुमधुर
- वि- (विस्तार या विशेषता) – विशाल, विचार
- अधि- (उपरी या उच्च) – अधिकार, अध्यक्ष
- नि- (नीचे की ओर) – निरीक्षण, निलंबन
- दु- (अशुभ या कठिन) – दुर्भाग्य, दुर्व्यवहार
- आ- (निकट या पूर्णता) – आक्रमण, आधारित
- उप- (निकट) – उपकार, उपहार
- परि- (चारों ओर) – पर्यावरण, परिवर्तन
प्रत्यय (Suffix)
प्रत्यय वे शब्दांश हैं, जो किसी मूल शब्द के पीछे जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं।
विशेषताएँ:
- प्रत्यय शब्द के अंत में जोड़े जाते हैं।
- यह भी स्वतंत्र शब्द नहीं होता।
- शब्द के अर्थ और व्याकरणिक रूप में बदलाव करते हैं।
प्रत्यय के 10 उदाहरण:
- -ता (गुण का बोध) – मधुरता, सरलता
- -पन (गुणवाचक) – जीवन, गुणवान
- -ना (क्रियावाचक) – सजाना, बनाना
- -ई (अवस्था) – दुबली, मोटी
- -वाला (स्वामित्व) – गाड़ीवाला, दुकानवाला
- -इया (व्यक्ति या वस्तु) – नाई, मोची
- -त्व (स्थिति) – बाल्यत्व, मित्रत्व
- -आन (संवेदनात्मक) – परेशान, खुशहाल
- -कर (क्रियात्मक) – विचारकर, देखकर
- -वादी (विचारधारा) – समाजवादी, पूंजीवादी
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्ग के 25 उदाहरण:
- अपमान
- अमर
- अभ्यास
- अनुरोध
- असहयोग
- अधीर
- उत्कृष्ट
- अनुपस्थिति
- विकार
- उपनिषद
- प्रतिरोध
- पराभव
- दुष्ट
- सुगंध
- अविश्वास
- अभिषेक
- संयम
- संकल्प
- परिश्रम
- प्रवास
- अनाथ
- अवमानना
- अत्याचार
- निराशा
- निस्वार्थ
प्रत्यय के 25 उदाहरण:
- मिठास
- तेजस्वी
- बहादुरी
- राजनैतिक
- स्वाभाविक
- शिक्षक
- विद्यार्थी
- खेलना
- कठिनाई
- अनुशासनात्मक
- स्वतंत्रता
- साहसिक
- शत्रुता
- बढ़ावा
- रचनात्मक
- संवेदनशील
- सरलता
- पवित्रता
- सुधारक
- प्रेरक
- साधक
- गुणकारी
- धार्मिकता
- विकासशील
- हास्यास्पद
निष्कर्ष:
- उपसर्ग शब्द के पहले जुड़ता है और अर्थ में बदलाव करता है।
प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है और अर्थ या व्याकरणिक रूप बदलता है।
इनकी समझ से शब्द निर्माण और उनके अर्थ को समझने में आसानी होती है।