भगवान की प्रेरणादायक कहानी
“द्रव्य और भक्ति की महिमा”
प्राचीन समय की बात है, जब धरती पर धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष बढ़ चुका था। असुरों ने देवताओं का नाश करने के लिए कई योजनाएं बनाई थीं और उनके लिए यह समय बहुत कठिन था। इसी समय एक गांव में एक भक्त मोलाधर नामक व्यक्ति रहता था, जो सच्चे दिल से भगवान शिव की पूजा करता था। उसकी भक्ति और साधना की कोई सीमा नहीं थी।
भगवान की प्रेरणादायक कहानी
मोलाधर एक गरीब किसान था, लेकिन उसका विश्वास भगवान शिव में अडिग था। वह दिन-रात अपने खेतों में काम करता और समय मिलते ही शिवजी का ध्यान करता। गांव के लोग उसकी साधना को देखकर हंसते थे, लेकिन मोलाधर कभी किसी की बातों पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन भगवान शिव ने मोलाधर की भक्ति को देखकर उसकी परीक्षा लेने का निश्चय किया। भगवान ने मोलाधर के घर के पास एक विशाल पहाड़ के नीचे एक पत्थर रखा और वहां एक गाय को भेज दिया। गाय ने उस पत्थर को देखा और धीरे-धीरे उसे रगड़ने लगी। जैसे ही पत्थर को रगड़ा गया, उसमें से एक अद्भुत आभूषण निकल आया, जो चमकते हुए सोने से बना था। वह आभूषण भगवान शिव का था। गाय ने इसे लेकर मोलाधर के घर की ओर बढ़ना शुरू किया।
जब मोलाधर ने यह आभूषण देखा, तो वह चकित रह गया। उसने समझा कि यह भगवान शिव का आशीर्वाद है। वह इसे लेकर भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिर की ओर बढ़ने लगा। रास्ते में एक ब्राह्मण ने मोलाधर से पूछा, “यह क्या है?” मोलाधर ने कहा, “यह भगवान शिव का आभूषण है, जो मुझे उनकी कृपा से प्राप्त हुआ है।” ब्राह्मण ने उसे सलाह दी कि वह इसे भगवान को अर्पित करने के बजाय इसे बेचकर अपनी गरीबी दूर कर सकता है। भगवान की प्रेरणादायक कहानी
मोलाधर ने यह सुनकर मन में सोचा, “अगर भगवान शिव का आभूषण मेरे पास है, तो क्या मुझे इसे भगवान को अर्पित नहीं करना चाहिए?” उसने आभूषण को भगवान शिव के मंदिर में अर्पित कर दिया और भगवान से आशीर्वाद लिया।
भगवान शिव उसकी भक्ति को देखकर खुश हुए। उन्होंने मोलाधर से कहा, “तुमने इस आभूषण को मुझे अर्पित किया है, और यही तुम्हारी सच्ची भक्ति है। तुमने जो किया, वह दूसरों से अलग था। तुमने इस आभूषण को अपनी गरीबी से बाहर निकलने के लिए नहीं लिया, बल्कि इसे मेरे चरणों में अर्पित किया। यही कारण है कि तुम्हारी भक्ति सच्ची है।” भगवान की प्रेरणादायक कहानी
भगवान शिव ने मोलाधर को आशीर्वाद दिया कि वह अब कभी भी गरीबी का सामना नहीं करेगा। इसके बाद भगवान शिव ने उसे एक विशेष प्रकार की शक्ति दी, जिससे वह हमेशा दूसरों की मदद कर सके और उनका मार्गदर्शन कर सके।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि भगवान की भक्ति में न तो कोई दिखावा होता है, न ही कोई स्वार्थ। सच्ची भक्ति वह होती है जब हम भगवान को बिना किसी उम्मीद के, केवल प्रेम और श्रद्धा से अर्पित करते हैं। मोलाधर ने हमें यह भी सिखाया कि भक्ति और दया से बड़ा कोई दूसरा साधन नहीं हो सकता। किसी भी परिस्थिति में यदि हमारी नीयत पवित्र हो, तो भगवान हमारी मदद अवश्य करेंगे।
भगवान शिव का यह आशीर्वाद सिर्फ मोलाधर के लिए नहीं था, बल्कि यह सबको यह संदेश दे रहा था कि अगर हम जीवन में सच्चे दिल से किसी काम को करते हैं, तो भगवान हमेशा हमारी मदद करेंगे और हमें हमारा सच्चा रास्ता दिखाएंगे। भगवान का मार्गदर्शन पाकर ही हमें सच्ची सफलता मिलती है।
अतः इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि भक्ति, ईमानदारी और नि:स्वार्थ भाव से काम करना ही भगवान की सच्ची आराधना है।
भगवान की प्रेरणादायक कहानी