व्यंजन संधि के 100 उदाहरण | व्यंजन संधि क्या है?

व्यंजन संधि के 100 उदाहरण

व्यंजन संधि

व्यंजन संधि हिंदी व्याकरण की संधि का एक प्रकार है, जिसमें व्यंजन (Consonants) के मेल से ध्वनि परिवर्तन होता है। जब दो शब्द मिलते हैं, और उनके अंत में या बीच में व्यंजन का परस्पर मेल होता है, तो उनका उच्चारण और रूप बदल जाता है।


व्यंजन संधि की परिभाषा:

“जब किसी शब्द के अंत में स्थित व्यंजन और अगले शब्द के पहले अक्षर के मेल से स्वर और ध्वनि में परिवर्तन होता है, तो उसे व्यंजन संधि कहते हैं।”


व्यंजन संधि के प्रकार

  1. परसवर्ण संधि (Assimilation):
    जब एक व्यंजन के बाद उसी वर्ग (मूल स्थान के) का कोई अन्य व्यंजन आता है, तो वे दोनों समान ध्वनि (सवर्ण) में बदल जाते हैं।

    • उदाहरण: शब्द + गम = शब्गम
  2. विसर्ग संधि (Visarga Sandhi):
    जब विसर्ग (: या ‘ः’) के बाद स्वर या व्यंजन आते हैं, तो उनका परिवर्तन होता है।

    • उदाहरण: राजा: + इंद्र = राजेन्द्र
  3. अनुनासिक संधि:
    जब एक व्यंजन के बाद नाक से उच्चारित ध्वनि आती है।

    • उदाहरण: संज्ञा (सम् + ज्ञा)

व्यंजन संधि के नियम और उदाहरण

1. परसवर्ण संधि

  • नियम: एक वर्ग (गुट) के व्यंजन के बाद उसी वर्ग का व्यंजन आने पर वे सवर्ण ध्वनि में बदलते हैं।
  • उदाहरण:
    1. शब्द + गम = शब्गम
    2. आत्म + बल = आत्मबल
    3. सर्व + धर्म = सर्वधर्म
    4. उप + देश = उपदेश
    5. सत् + गुण = सत्त्वगुण

2. विसर्ग संधि

  • नियम: विसर्ग (: या ‘ः’) के बाद स्वर/व्यंजन आने पर उच्चारण में बदलाव होता है।
  • उदाहरण:
    1. राजा: + इंद्र = राजेन्द्र
    2. वाच: + इति = वाच्यिति
    3. फल: + अति = फलाति
    4. बाल: + ईश = बालेश
    5. लोक: + अर्थ = लोकार्थ

3. अनुनासिक संधि

  • नियम: व्यंजन के साथ नाक की ध्वनि (अनुनासिक) जुड़ जाती है।
  • उदाहरण:
    1. सम् + ज्ञा = संज्ञा
    2. सं + गम = संगम
    3. वि + ज्ञा = विज्ञान
    4. निस् + छल = निःछल
    5. सम् + दश = संदश

नदी का पर्यायवाची शब्द 


व्यंजन संधि के 100 उदाहरण

परसवर्ण संधि के 50 उदाहरण:

  1. आत्म + हित = आत्महित
  2. सर्व + धर्म = सर्वधर्म
  3. सत् + गुण = सत्त्वगुण
  4. शब्द + कार = शब्दकार
  5. विप्र + गुण = विप्रगुण
  6. यज्ञ + देव = यज्ञदेव
  7. दृष्टि + कोण = दृष्टिकोण
  8. महत् + बल = महत्तबल
  9. व्रत + पालन = व्रत्तपालन
  10. मत + दान = मतदान
  11. धर्म + क्षेत्र = धर्मक्षेत्र
  12. नीत + शास्त्र = नीतिशास्त्र
  13. यत् + भूमि = यत्तभूमि
  14. क्षत + चिह्न = क्षत्तचिह्न
  15. पत् + कण = पत्कण
  16. भूत + काल = भूतकाल
  17. संधि + समय = संधिसमय
  18. जात + व्यक्ति = जात्तव्यक्ति
  19. तप + बल = तपबल
  20. अत् + तेज = अत्तेज
  21. रस + तत्त्व = रसत्त्व
  22. सत् + व्यवहार = सत्‍व्‍यवहार
  23. क्षमा + भाव = क्षमाभाव
  24. प्रभु + प्रेम = प्रभुप्रेम
  25. धनु + बाण = धनुबाण
  26. हरि + गुण = हरिगुण
  27. सच्चिदानंद + तत्त्व = सच्चिदानंदत्त्व
  28. मुनि + चित्त = मुनिचित्त
  29. मित्र + दान = मित्रदान
  30. नीत + सिद्धांत = नीतिसिद्धांत
  31. ब्रह्म + शास्त्र = ब्रह्मशास्त्र
  32. गज + बल = गजबल
  33. घट + मान = घटमान
  34. तप् + भूमि = तप्भूमि
  35. तत्व + ज्ञान = तत्वज्ञान
  36. मत् + पूजा = मत्पूजा
  37. गुप् + नाम = गुप्तनाम
  38. रज + गुण = रजोगुण
  39. व्यास + कृपा = व्यासकृपा
  40. गुरु + कृपा = गुरुकृपा
  41. यश + लक्षण = यशोलक्षण
  42. विद्या + दान = विद्यादान
  43. काव्य + रस = काव्यरस
  44. सूर्य + उदय = सूर्योदय
  45. ग्रह + दोष = ग्रहदोष
  46. शक्ति + रूप = शक्तिरूप
  47. तपस् + ध्यान = तपध्यान
  48. बुद्धि + बल = बुद्धिबल
  49. रत्न + पथ = रत्नपथ
  50. ब्रह्मा + विद्या = ब्रह्मविद्या

विसर्ग और अनुनासिक संधि के 50 उदाहरण:

  1. लोक: + अर्थ = लोकार्थ
  2. फल: + अद्भुत = फलाद्भुत
  3. देव: + आगमन = देवागमन
  4. वीर: + अंश = वीरांश
  5. हरि: + ओम = हरयोम
  6. तप: + अंत = तपन्त
  7. व्रत: + आज्ञा = व्रताज्ञा
  8. धर्म: + ईश = धर्मेश
  9. मित्र: + अद्भुत = मित्राद्भुत
  10. ज्ञान: + ईश्वर = ज्ञानीश्वर
  11. शब्द: + ज्ञान = शब्दज्ञान
  12. शास्त्र: + वाक्य = शास्त्रवाक्य
  13. धर्म: + इति = धर्मिति
  14. ऋषि: + इंद्र = ऋषींद्र
  15. शत्रु: + उदय = शत्रुदय
  16. फल: + अद्वैत = फलाद्वैत
  17. तप: + अद्भुत = तपाद्भुत
  18. नर: + इष्ट = नरेष्ट
  19. योग: + अभ्यास = योगाभ्यास
  20. विद्या: + अंश = विद्यांश
  21. धन: + आय = धनाय
  22. नाम: + अर्थ = नामार्थ
  23. तपस् + त्याग = तपस्त्याग
  24. धर्मस् + हित = धर्महित
  25. निस् + कलंक = निःकलंक
  26. वि + ज्ञा = विज्ञान
  27. सम् + ज्योति = संज्योति
  28. सम् + ग्रह = संग्रह
  29. सम् + चित = संचित
  30. सम् + बोध = संबोध
  31. उप + स्थ = उपस्थ
  32. सम् + देश = संदेस
  33. निम् + मित्त = निमित्त
  34. सम् + लोम = सलोम
  35. निम् + चित्त = निमचित्त
  36. पवि + ज्ञा = पविज्ञान
  37. निम् + दया = निमदय
  38. अस् + तथ्य = असत्थ्य
  39. सम् + दान = संदान
  40. न्यास् + त्याग = न्यास्त्याग
  41. निस् + छल = निःछल
  42. वि + कर्म = विकर्म
  43. सम् + गम = संगम
  44. गन् + सृष्टि = गंसृष्टि
  45. सम् + ध्रुव = संध्रुव
  46. सम् + नीति = संनीति
  47. व्यास + ध्यान = व्यासध्यान
  48. तपस् + भूमि = तपभुमि
  49. मित्रस् + दान = मित्रदान
  50. धर्मस् + सुख = धर्मसुख

निष्कर्ष:

  • व्यंजन संधि में दो व्यंजनों के मिलने से ध्वनि परिवर्तन होता है।
  • यह हिंदी और संस्कृत दोनों भाषाओं में शब्द निर्माण को सरल और सुगठित बनाती है।

 

 

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