सकर्मक और अकर्मक क्रिया में अंतर उनके उपयोग और प्रभाव के आधार पर होता है।
- सकर्मक क्रिया: वह क्रिया, जिसका प्रभाव किसी कर्म (वस्तु या व्यक्ति) पर पड़ता है।
- अकर्मक क्रिया: वह क्रिया, जिसका प्रभाव किसी कर्म पर नहीं पड़ता।
सकर्मक क्रिया के उदाहरण:
- उसने किताब पढ़ी। (किताब = कर्म)
- माँ ने खाना बनाया। (खाना = कर्म)
- मैंने पत्र लिखा। (पत्र = कर्म)
- राम ने फूल तोड़े। (फूल = कर्म)
- बच्चे ने गेंद फेंकी। (गेंद = कर्म)
पहचान:
सकर्मक क्रिया वाले वाक्य में “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर मिलता है।
- “उसने किताब पढ़ी।” (क्या पढ़ी? किताब)
अकर्मक क्रिया के उदाहरण:
- बच्चा सो रहा है।
- पक्षी उड़ रहे हैं।
- नदी बह रही है।
- वह रो रहा है।
- सूरज निकल रहा है।
पहचान:
अकर्मक क्रिया वाले वाक्य में “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर नहीं मिलता।
- “बच्चा सो रहा है।” (क्या सो रहा है? – उत्तर नहीं)
सकर्मक और अकर्मक क्रिया का तुलनात्मक उदाहरण:
वाक्य | क्रिया का प्रकार | कारण |
---|---|---|
राम ने किताब पढ़ी। | सकर्मक | क्रिया का प्रभाव “किताब” (कर्म) पर पड़ता है। |
बच्चा सो रहा है। | अकर्मक | क्रिया का प्रभाव किसी कर्म पर नहीं पड़ता। |
माँ ने खाना बनाया। | सकर्मक | क्रिया का प्रभाव “खाना” (कर्म) पर पड़ता है। |
पक्षी उड़ रहे हैं। | अकर्मक | क्रिया का प्रभाव किसी कर्म पर नहीं पड़ता। |