इंटरनेट कैसे काम करता है?
इंटरनेट क्या है? (What is internet?)

देखा जाए तो आज के समय में इंटरनेट के बारे में कौन नहीं जानता होगा। हम सभी लोग इंटरनेट के बारे में जानते हैं। लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि आखिर इंटरनेट काम कैसे करता है?
क्या आपको इंटरनेट के बारे में पता है? (How does the internet work?)
शायद कुछ लोगों को पता होगा। लेकिन अगर आपको नहीं पता तो आज आप इस लेख को पढ़कर जान जाएंगे कि आखिर इंटरनेट काम कैसे करता है। यह जानकारी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाली है क्योंकि यह जानकारी काफी अहम है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंटरनेट बस एक तरह का एक ऐसा माध्यम है। जो दुनियाभर के सर्वर को लगभग सभी देशो से जोड़ती है। जैसे हाईवे रोड विभिन्न राज्यों को ट्रैवेलिंग के लिए एक दूसरे से जोड़े रखी है। ठीक वैसे ही इंटरनेट एक ग्लोबल प्रणाली है। जो बहुत से कंप्यूटर नेटवर्क्स को मिलाकर बनती है। इंटरनेट समुंदर और जमीन के अंदर से तारों द्वारा फैलाया गया एक ऐसा जाल है। जो दुनिया भर के हर एक व्यक्ति को इंटरनेट से जोड़े रखता है।

इंटरनेट का मालिक कौन है? और इसे कौन चलता है? (Who is the owner of the internet? And who does it run?)
आपको जानकर हैरानी होगी इंटरनेट का कोई भी एक मालिक नहीं है। कोई भी दुनिया का व्यक्ति पूरी तरह से इंटरनेट का एकाधिकार मालिक नहीं बन सकता। इंटरनेट नाही किसी एक व्यक्ति का है ना ही किसी एक आर्गेनाईजेशन का। सबसे पहले यह सवाल आता है कि इंटरनेट किस वजह से बनाया गया? तो चलिए जानते हैं।
इंटरनेट का इतिहास क्या है? (What is the history of the Internet?)
1962 के दशक में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका सरकार के रक्षा विभाग ने इंटरनेट की शुरुआत की थी। यूनाइटेड स्टेट के वैज्ञानिक और मिलिट्री सिक्योरिटी विशेषज्ञ इस बात को लेकर परेशान थे कि अगर सोवियत ने उनके देश के संचार व्यवस्था पर मिसाइल से हमला किया तो सब कुछ एक झटके में खत्म हो सकता था। क्योंकि अगर उन लोगों ने मिसाइल से हमला किया तो हर प्रकार की संचार व्यवस्था ख़राब हो सकती थी। जिससे यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता था।
इन सब चीजों को सोचते हुए 1962 मैं एम.आई.टी. के वैज्ञानिक जिनका नाम J.C.R. था। उन्होंने इस समस्या का हल बताते हुए गैलेक्टिक नेटवर्क का सुझाव दिया। गैलेक्टिक नेटवर्क यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका सरकार और सेना के बीच संपर्क जोडे रखने में सक्षम थी। चाहे संचार व्यवस्था भले ही शत्रु देश द्वारा आक्रमण करके नष्ट कर दिया गया हो।

इंटरनेट 3 टियर में काम करता है।
- सबसे पहले आता है - ग्लोबल
- दूसरे नंबर पर आता है - नेशनल
- और तीसरे नंबर पर आता है - लोकल
इन तीनों टियर से जुड़े हुए कंपनियां वह कंपनियां होती हैं। जो हमें इंटरनेट सर्विस प्रदान करती हैं। अब इस प्रक्रिया को हम एक उदाहरण के द्वारा समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए आप कोई वेबसाइट इस्तेमाल कर रहे हैं। और उसका सर्वर अमेरिका में कहीं स्थित है। जिसमें ग्लोबल टियर की कंपनी काम करती है। तो वह कंपनियां समुंद्र में अपनी तार बिछा रखी है। जिससे माध्यम से भारत में इंटरनेट आता है। यह काफी थोक के भाव में आता है अर्थात ये काफी सस्ता होता है। उसके बाद नेशनल टियर के कंपनियां काम करते हैं। जैसे एयरटेल, आईडिया, Aircel, वोडाफोन आदि जो हमें इंटरनेट को टुकड़ों में देती हैं। और हमारी स्पीड पर भी कंट्रोल रखती हैं। जैसे 2GB, 4GB और स्पीड भी कंट्रोल करती हैं। जैसे 2 MBPS, 5MBPS, 10 MBPS आदि।

आसान भाषा में आप कह सकते हैं कि इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है। जो दुनिया भर के सर्वर को एक दूसरे से जोड़ता है और हर घर तक उन सर्वर्स को लिंक करने की सुविधा प्रदान करता है। इस समय जो आप वेबसाइट पर यह लेख पढ़ रहे हैं। इसका सर्वर कैलिफोर्निया, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में स्थित है। सोचिए इंटरनेट कितना हैरान कर देने वाला चीज है आप भारत में बैठे हुए है और अमेरिका के सर्वर पर काम कर रहे इस वेबसाइट को पढ़ रहे हैं।
bhai ye theme kya name kya hai?
ReplyDeletebahut jordaar theme hai.
इस थीम का नाम तो याद नही लेकिन अगर आप नए ब्लॉगर थीम चाहते है तो यहाँ से डाउनलोड कर सकते है ये रहा लिंक>>> http://www.howtolearnblog.com/search/label/Blogger%20Templates
DeleteAmezing
ReplyDelete