आत्मा के बारे में - श्रीमद भगवत गीता

About Soul - Shrimad Bhagwat Geeta in Hindi. आत्मा को कोई भी शस्त्र नहीं काट सकती, इसे आग नहीं जला सकती, इसे जल भिगो नही सकता और ना ही वायु सुखा सकती है।
आत्मा को कोई भी शस्त्र नहीं काट सकती, इसे आग नहीं जला सकती, इसे जल भिगो नही सकता और ना ही वायु सुखा सकती है।

यह वाक्य भागवत गीता से लिया गया है।

इस वाक्य में भगवान कहते हैं कि इस ब्रम्हांड के समस्त चीजें ऊर्जा से बनी हुई है। अर्थात मनुष्य, पेड़ पौधे, जानवर, घर, पृथ्वी, सूर्य, चँद्रमा आदि। यह सभी चीजें एक ही उर्जा का अनेक रूप हैं। जो नष्ट हो कर किसी और रूप में रूपांतरित हो जाती है। यानि किसी और ऊर्जा में बदल जाती है। उसी प्रकार हम मनुष्य भी एक ऊर्जा के समान है। जिसे आत्मा का नाम दिया गया है। जिसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। हमारा अस्तित्व आज है, कल भी था और आगे भी रहेगा। बस हमारा रूप-रंग संरचना बदल जाएगी।

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