
आत्मा को कोई भी शस्त्र नहीं काट सकती, इसे आग नहीं जला सकती, इसे जल भिगो नही सकता और ना ही वायु सुखा सकती है।
यह वाक्य भागवत गीता से लिया गया है।
इस वाक्य में भगवान कहते हैं कि इस ब्रम्हांड के समस्त चीजें ऊर्जा से बनी हुई है। अर्थात मनुष्य, पेड़ पौधे, जानवर, घर, पृथ्वी, सूर्य, चँद्रमा आदि। यह सभी चीजें एक ही उर्जा का अनेक रूप हैं। जो नष्ट हो कर किसी और रूप में रूपांतरित हो जाती है। यानि किसी और ऊर्जा में बदल जाती है। उसी प्रकार हम मनुष्य भी एक ऊर्जा के समान है। जिसे आत्मा का नाम दिया गया है। जिसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। हमारा अस्तित्व आज है, कल भी था और आगे भी रहेगा। बस हमारा रूप-रंग संरचना बदल जाएगी।
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो कृपया अपने मित्रों को और परिवार के लोगों के साथ अवश्य शेयर करें। धन्यवाद।
Hindi Study वेबसाइट पर आपका स्वागत है. कृपया! कमेंट बॉक्स में गलत शब्दों का उपयोग ना करें. सिर्फ ऊपर पोस्ट से संबंधित प्रश्न या फिर सुझाव को लिखें. धन्यवाद!
EmoticonEmoticon