Shatru ka paryayvachi | शत्रु का पर्यायवाची शब्द, वाक्य प्रयोग

शत्रु के पर्यायवाची शब्द, परिभाषा, FAQ और प्रयोग

शत्रु के पर्यायवाची शब्द

‘शत्रु’ का अर्थ है – विरोधी, दुश्मन, या ऐसा व्यक्ति जो किसी के विरुद्ध द्वेष, घृणा, या वैमनस्य रखता हो। संस्कृत, हिंदी, और अन्य भारतीय भाषाओं में ‘शत्रु’ के कई पर्यायवाची शब्द हैं, जो इसके अलग-अलग संदर्भों और भावों को प्रकट करते हैं।

शत्रु के 20 मुख्य पर्यायवाची शब्द:

  1. दुश्मन
  2. विरोधी
  3. अरि
  4. रिपु
  5. अहिता
  6. द्वेषी
  7. वैरी
  8. विद्वेषी
  9. घातक
  10. संहारक
  11. प्रतिकूल
  12. अपकारी
  13. निंदक
  14. क्रूर
  15. प्रतिद्वंदी
  16. अभिशाप
  17. विध्वंसक
  18. शत्रुतापूर्ण
  19. कट्टर विरोधी
  20. संग्रामकारी

शत्रु की परिभाषा

“शत्रु” का सामान्य अर्थ है – ऐसा व्यक्ति, समूह, या तत्व जो किसी व्यक्ति, समुदाय, या राष्ट्र के प्रति घृणा, द्वेष, या हानि पहुंचाने का इरादा रखता हो। शत्रुता का भाव आत्मरक्षा, स्वार्थ, या किसी अन्य कारण से उत्पन्न हो सकता है।shatru ka paryayvachi

सूर्य का पर्यायवाची 

  • वैचारिक शत्रु: जो किसी के विचारों का विरोध करता हो।
  • राजनीतिक शत्रु: जो किसी राजनीतिक दल या नेता का कट्टर विरोधी हो।
  • व्यक्तिगत शत्रु: जो किसी व्यक्ति विशेष के प्रति घृणा या द्वेष रखता हो।
  • राष्ट्रीय शत्रु: जो देश के खिलाफ षड्यंत्र रचता हो।

शत्रु के प्रकार

  1. आंतरिक शत्रु: मनुष्य के भीतर की कमजोरियां, जैसे- लोभ, क्रोध, अहंकार।
  2. बाहरी शत्रु: व्यक्ति, समूह, या अन्य देश जो सीधे हानि पहुंचाते हैं।
  3. प्रकट शत्रु: जो खुलकर विरोध करता है।
  4. गुप्त शत्रु: जो छुपकर नुकसान पहुंचाता है।
  5. आर्थिक शत्रु: जो आर्थिक रूप से हानि पहुंचाए।

शत्रु के पर्यायवाची शब्दों के वाक्य प्रयोग

  1. दुश्मन: हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हमारा आलस्य है।
  2. विरोधी: चुनाव में उनके मुख्य विरोधी ने कड़ा मुकाबला किया।
  3. अरि: महाभारत में कौरव पांडवों के अरि बन गए थे।
  4. रिपु: लोभ और मोह मनुष्य के सबसे बड़े रिपु हैं।
  5. अहिता: समाज में अहिता प्रवृत्तियों का विरोध करना चाहिए।
  6. द्वेषी: एक द्वेषी व्यक्ति कभी दूसरों का भला नहीं सोच सकता।
  7. वैरी: रावण श्रीराम का वैरी था।
  8. विद्वेषी: विद्वेषी भावनाएं समाज में अशांति पैदा करती हैं।
  9. घातक: बुरी आदतें जीवन के लिए घातक साबित होती हैं।
  10. संहारक: युद्ध संहारक शक्तियों को जन्म देता है।

शत्रुता के कारण

  1. ईर्ष्या: दूसरों की सफलता से जलन।
  2. धार्मिक मतभेद: धार्मिक विचारों का टकराव।
  3. राजनीतिक मतभेद: राजनीतिक विचारधाराओं में अंतर।
  4. स्वार्थ: अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों का विरोध।
  5. अज्ञान: ज्ञान के अभाव में गलतफहमियां।

शत्रुता को कैसे समाप्त करें?

  1. संवाद: खुलकर बात करें।
  2. विश्वास: आपसी विश्वास बढ़ाएं।
  3. क्षमा: गलतियों को माफ करना सीखें।
  4. समानता: सबको समान दृष्टि से देखें।
  5. सहयोग: परस्पर सहयोग बढ़ाएं।

शत्रु के विषय में महत्वपूर्ण FAQ

1. शत्रु का क्या अर्थ है?
शत्रु का अर्थ है ऐसा व्यक्ति या तत्व जो किसी को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखता हो।

2. शत्रु के कितने प्रकार होते हैं?
शत्रु मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: आंतरिक और बाहरी।

3. शत्रुता क्यों उत्पन्न होती है?
शत्रुता ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, और गलतफहमी के कारण उत्पन्न होती है।

4. ‘अरि’ और ‘रिपु’ में क्या अंतर है?
‘अरि’ शत्रु का अधिक साहित्यिक और काव्यात्मक शब्द है, जबकि ‘रिपु’ का प्रयोग धार्मिक और नैतिक संदर्भों में होता है।

5. शत्रुता को कैसे समाप्त किया जा सकता है?
शत्रुता को संवाद, क्षमा, विश्वास, और समानता के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है।


शत्रुता पर निष्कर्ष

shatru ka paryayvachi – ‘शत्रु’ केवल एक व्यक्ति या समूह नहीं, बल्कि कभी-कभी हमारे विचार, भावनाएं, और स्वभाव भी हो सकते हैं। असली शत्रुता को खत्म करने के लिए आत्मनिरीक्षण और संवाद आवश्यक हैं। शत्रुता को बढ़ावा देने वाले कारकों को समझकर ही हम इसे समाप्त कर सकते हैं।

शत्रु के पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग साहित्य, धार्मिक ग्रंथों, और दैनिक जीवन में अलग-अलग संदर्भों में किया जाता है। शत्रुता को सुलझाने के लिए संयम, धैर्य, और आपसी समझ का होना अत्यंत आवश्यक है।shatru ka paryayvachi

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