दीपावली (Dipawali)2025 कब है?
2025 में दीपावली(Dipawali) का त्योहार 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। दिवाली हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली क्यों मनाई जाती है?
दीपावली(Dipawali) का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। दिवाली मनाने के पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. भगवान राम की अयोध्या वापसी
दीपावली(Dipawali) मनाने का सबसे प्रसिद्ध कारण भगवान राम की अयोध्या वापसी है। रामायण के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीपक जलाए और पूरे नगर को रोशनी से सजाया। इसी घटना को याद करते हुए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और लोग अपने घरों को दीपक और रोशनी से सजाते हैं।
2. महालक्ष्मी की पूजा
दीपावली(Dipawali) के दिन देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवी महालक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके दीपक जलाते हैं और देवी महालक्ष्मी का स्वागत करते हैं।
3. भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध
दीपावली(Dipawali) का त्योहार भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। नरकासुर एक राक्षस था जिसने पृथ्वी पर अत्याचार किया था। भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त किया। इस घटना को याद करते हुए दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है।
4. पांडवों की वापसी
महाभारत के अनुसार, पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद इसी दिन हस्तिनापुर लौटे थे। उनकी वापसी की खुशी में लोगों ने दीपक जलाए और उत्सव मनाया। इसी वजह से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
5. समृद्धि और नई शुरुआत
दीपावली(Dipawali) का त्योहार समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। व्यापारी इस दिन नए बही-खाते शुरू करते हैं और देवी महालक्ष्मी से धन और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
दीपावली कैसे मनाई जाती है?
दीपावली(Dipawali) का त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। इन पांच दिनों में विभिन्न रीति-रिवाज और पूजा-अर्चना की जाती है।
1. धनतेरस
दीपावली(Dipawali) के पहले दिन धनतेरस मनाई जाती है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी और अन्य वस्तुएं खरीदते हैं। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
2. नरक चतुर्दशी
दीपावली(Dipawali) के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। इस दिन नरकासुर के वध की कथा सुनाई जाती है।
3. दिवाली
दीपावली(Dipawali) के तीसरे दिन मुख्य त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपक और रोशनी से सजाते हैं। शाम को देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पूजा के बाद लोग आतिशबाजी करते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
4. गोवर्धन पूजा
दीपावली(Dipawali) के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया था। इस घटना को याद करते हुए गोवर्धन पूजा की जाती है।
5. भाई दूज
दीपावली(Dipawali) के पांचवें दिन भाई दूज मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयां खिलाती हैं।
दीपावली का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
दीपावली(Dipawali) का त्योहार सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। दिवाली के दिन लोग अपने पुराने मतभेदों को भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
दीपावली(Dipawali) का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में दिवाली का जोश और उल्लास देखने लायक होता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे “नरक चतुर्दशी” के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में दिवाली को “लक्ष्मी पूजा” के रूप में मनाया जाता है, जबकि पश्चिम बंगाल में इसे “काली पूजा” के रूप में मनाया जाता है।
दीपावली मनाने के कुछ सावधानियां
दीपावली(Dipawali) का त्योहार खुशियों और उल्लास का त्योहार है, लेकिन इसे मनाते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
- आतिशबाजी करते समय सुरक्षा का ध्यान रखें। बच्चों को आतिशबाजी से दूर रखें।
- दीपक और मोमबत्तियों को सुरक्षित स्थान पर रखें। आग से सावधान रहें।
- पटाखों का उपयोग कम से कम करें और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएं।
- मिठाइयां खरीदते समय उनकी गुणवत्ता का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
दीपावली(Dipawali) का त्योहार भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्यारे त्योहारों में से एक है। यह त्योहार न केवल रोशनी और उल्लास का प्रतीक है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश भी देता है। 2025 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और यह त्योहार लोगों को एक साथ लाकर खुशियां बांटने का अवसर प्रदान करेगा। दिवाली का त्योहार सही तरीके से मनाकर हम इसकी सच्ची भावना को बनाए रख सकते हैं।